
शादी के बाद नाम परिवर्तन की आवश्यकता
Shadi Ke Baad Naam Badlne Ki Avashyakta – आमतौर पर शादी के बाद महिलाएं अपने सरनेम की जगह पति का उपनाम लगाती है। आप इसे भारतीय संस्कृति या रिवाज से जोड़ कर देखिए या पर्सनल चॉइस कहिए, लड़कियों के द्वारा अपने पति के उपनाम इस्तेमाल करना सालों से चली आ रही एक प्रचलित प्रथा है। शादी के बाद नाम परिवर्तन करना होगा ऐसा कहीं लिखा नहीं है। यह सालों से चली आ रही एक प्रथा है और कुछ लोगों की पर्सनल चॉइस है। प्रचलित नामों में प्रियंका चोपड़ा जोनसन, ऐश्वर्या राय बच्चन, और मीरा राजपूत जैसी हसीनाएं शामिल है जिन्होंने शादी के बाद अपना नाम परिवर्तन किया है। मगर दूसरी तरफ एक नाम अनुष्का शर्मा का भी है जिन्होंने विराट कोहली से शादी के बाद अपने सरनेम में कोई बदलाव नहीं किया है।
शादी के बाद नाम परिवर्तन की आवश्यकता है या नहीं ये चॉइस पूरी तरह से आप पर निर्भर करती है। मगर शादी के बाद नाम परिवर्तन करने से आपको किस प्रकार का लाभ मिलेगा या क्यों इसे एक आवश्यक प्रथा के रूप में देखा जाता है इससे जुड़ी विस्तार पूर्वक जानकारी इस लेख में दी गई है। शादी के बाद नाम परिवर्तन क्यों करते है? के अलावा शादी के बाद नाम परिवर्तन कैसे करते है से जुड़े आवश्यक निर्देश भी नीचे दिए गए हैं।

शादी के बाद नाम परिवर्तन क्यों किया जाता है?
शादी के बाद लड़की को अपने पति के उपनाम इस्तेमाल अपने सरनेम में करना होता है। शादी के बाद नाम परिवर्तन भारतीय रीति रिवाज का एक हिस्सा है जो सालों से हमारे समाज में चले आ रहा है। हमने आपको पहले भी बताया कि शादी के बाद नाम परिवर्तन कोई नियम नहीं है, यह केवल एक पर्सनल चॉइस है।
बहुत सारे लोगों का ऐसा मानना है कि शादी के बाद नाम बदलने से कपल्स का रिश्ता मजबूत होता है। समाज में जब एक लड़की अपने सरनेम में पति का नाम इस्तेमाल करती है तो सामाजिक रूप से उनके रिश्ते को वैधता मिलती है। इसका एक महत्वपूर्ण तर्क यह भी है कि पत्नी जब पति के परिवार और उसके संपत्ति में अपना हिस्सा लेती है तो उस वक्त उसके नाम में भी अपना हिस्सा लेती है।
हालांकि आपको समाज से मिलने वाली वैधता और दिए गए तर्कों को दूसरी तरफ से भी देख सकते है। मगर शायद ही ऐसा कोई पति होगा जो शादी के बाद पत्नी का नाम अपने सरनेम में लगाना चाहे। ऐसा करने की भी समाज में पूरी छूट दी गई है और दोनों ही प्रक्रिया में कानूनी कार्रवाई एक जैसी होती है। मगर एक पति का शादी के बाद अपने पत्नी का नाम सरनेम में इस्तेमाल करना एक बदली हुई सोच के अलावा समाज में हंसी का पात्र है। इसलिए सालों से चली आ रही इस प्रथा में बिना किसी छेड़छाड़ के शादी के बाद पत्नी के नाम में पति का उपनाम जोड़ा जाता है।
गजट क्या है और इसके इस्तेमाल से नाम कैसे परिवर्तन करते हैं?
नाम परिवर्तन से जुड़ी अन्य आवश्यक जानकारी साझा करने से पहले हम आपको बताना चाहते है कि गजट सरकार के द्वारा जारी किए जाने वाला एक महत्वपूर्ण पत्रिका है। गजट को राजपत्र भी कहा जाता है यह एक साप्ताहिक पत्रिका की तरह सरकार के द्वारा प्रकाशित किया जाता है जिसमें सरकार के द्वारा किए जाने वाले किसी भी बड़े फैसले के बारे में बताया जाता है।
हम आपको बता देना चाहते है कि गजट दो तरह के होते है पहला राज्य सरकार गजट और दूसरा केंद्र सरकार गजट। गजट या राजपत्र में सरकार अपने किसी भी बड़े कानूनी और फैसले के बारे में विस्तार पूर्वक चर्चा करती है इसके अलावा राजपत्र की मदद से धर्म परिवर्तन, नाम परिवर्तन या किसी भी आवश्यक दस्तावेज में हुई त्रुटि को तुरंत सही करवाया जा सकता है। वर्तमान समय में गजट की प्रचलिता काफी कम हो गई है मगर नाम परिवर्तन करने के लिए राजपत्र बहुत ही आवश्यक है।
शादी के बाद नाम परिवर्तन के लिए आवश्यक दस्तावेज
अगर आप शादी के बाद अपना नाम परिवर्तन करना चाहते है तो इसके लिए आवेदन करने से पहले आपके पास कुछ आवश्यक दस्तावेज होने चाहिए –
- पुराना पहचान पत्र
- पति का पहचान पत्र
- पति का नाम और पति के साथ नया नाम
- विवाह प्रमाण पत्र
- वर्तमान पता प्रमाण पत्र
- नाम परिवर्तन के दो गवाह
शादी के बाद नाम परिवर्तन करने के लिए एलिजिबिलिटी क्राइटेरिया
अगर शादी के बाद आप अपना नाम परिवर्तन करना चाहते है तो इसके लिए कुछ साधारण योग्यता तय की गई है, जिसकी सूचीबद्ध जानकारी नीचे दी गई है –
- पति पत्नी का विवाह प्रमाण पत्र होना चाहिए।
- शादी के बाद पति पत्नी की उम्र 21 वर्ष या उससे अधिक होनी चाहिए।
- पत्नी को पति के उपनाम को अपनाने के लिए लिखित रूप से स्वीकृति देनी होगी।
शादी के बाद कौन अपना नाम परिवर्तित कर सकता है?
शादी के बाद नाम परिवर्तन पत्नी या पति दोनों में से कोई भी कर सकता है। विवाहित जोड़े में से जिसे भी शादी के बाद नाम परिवर्तन करना हो उसे लिखित रूप से अपनी स्वीकृति हलफनामा के रूप में देनी होगी।
शादी के बाद कोई भी अपना नाम बदल सकता है। बहुत सारे लोगों का यह सवाल होता है कि क्या लड़की का शादी के बाद नाम परिवर्तन करना आवश्यक है। अगर आप भी इस असमंजस में फंसे हैं तो हम आपको बता दें कि केवल लड़की ही शादी के बाद अपना नाम बदलेगी ऐसा कहीं नहीं लिखा हुआ है। ऐसा अवश्य हो सकता है कि कोई ऐसा पुरुष हो जिसने शादी के बाद अपनी पत्नी के सरनेम का इस्तेमाल अपने नाम में किया हो।
शादी के बाद नाम परिवर्तन कैसे करते है?
शादी के बाद नाम परिवर्तन करने के लिए तीन आवश्यक कार्य है जिन्हें करना होगा –
- सबसे पहले आपको शपथ पत्र प्रस्तुत करना होगा। इस प्रक्रिया में एक हलफनामा के जरिए आपको लिखित रूप से अपनी स्वीकृति देनी होगी।
- इसके बाद विज्ञापन प्रकाशन के जरिए अपने नाम बदलने की घोषणा को किसी समाचार पत्र में प्रकाशित करना होगा।
- अंत में भारत के राज्य पत्र में नाम परिवर्तन के संबंध में एक अधिसूचना प्रकाशित करनी होगी।
Step 1 – हलफनामा या एफिडेविट तैयार करें
सबसे पहले शादी के बाद नाम परिवर्तन करने के लिए स्थानीय नोटरी से अपनी आवश्यकता के अनुसार एक स्टांप पेपर ले और उसमें अपना पुराना नाम, नया नाम, विवाह की तारीख और विवाह प्रमाण पत्र की फोटो कॉपी को हलफनामे में जोड़ कर दो गवाहों से हस्ताक्षर करवाएं।
इसके बाद कोर्ट में बने अपने इस हलफनामे को स्टांप पेपर पर चिपका कर नाम बदलने का कारण को अपने पुराने नाम और नया पूरा नाम के साथ लिखें और स्टांप पेपर और हलफनामा को कोर्ट में जमा करवाएं। अगर आप किसी और देश से भारत में शादी किए है तो नाम परिवर्तन करने के लिए दूतावास कार्यालय में अपने हलफनामा को जमा करवाएं।
Step 2 – इसके बाद अखबार में विज्ञापन प्रकाशित करें कि आपने अपना नाम बदल दिया है।
अगला महत्वपूर्ण कार्य है कि आपको अपने राज्य की स्थानीय भाषा में प्रकाशित होने वाले अखबार में एक विज्ञापन प्रकाशित करवाना है जिसमें आपको अपना पुराना नाम नया नाम जन्मतिथि के साथ नाम बदलने की घोषणा करनी है। इसके बाद इसी तरह का विज्ञापन आपको अंग्रेजी भाषा में प्रकाशित करना है।
उदाहरण के तौर पर अगर आपके राज्य की स्थानीय भाषा हिंदी है तो दैनिक जागरण और टाइम्स ऑफ इंडिया जैसे अखबार में अपने विज्ञापन का प्रकाशन करना है।
Step 3 – भारत के राज्य पत्र में नाम परिवर्तन की जानकारी प्रकाशित करें
जैसा कि हमने आपको पहले बताया सरकार की तरफ से हर हफ्ते राजपत्र प्रकाशित किया जाता है जिसमें सरकार के द्वारा किए गए आवश्यक फैसलों के अलावा धर्म परिवर्तन और नाम परिवर्तन जैसे आवश्यक कार्य की जानकारी होती है।
आपने जिन दो अखबारों में नाम बदलने का विज्ञापन दिया है उसका फोटो और अपने एफिडेविट की फोटो कॉपी, के साथ एक घोषणापत्र में नाम बदलने का कारण लिख कर सभी आवश्यक दस्तावेज को डाक के द्वारा राजपत्र प्रकाशित कार्यालय में भिजवा दें। अपनी जानकारी भेजने के बाद, याद रखे की राज पत्र का प्रकाशन हफ्ते में एक बार होता है आने वाले 2 राजपत्र में आपको “नेम चेंज कॉलम” में आपको अपना नाम चेक करना है।
शादी के बाद नाम परिवर्तन की आवश्यकता (Shadi Ke Baad Naam Badlne Ki Avashyakta)
शादी के बाद नाम परिवर्तन करना हर किसी के लिए आवश्यक नहीं है। मगर इसके बावजूद आप शादी के बाद अपना नाम परिवर्तन करना चाहते है तो इसकी आवश्यकता को नीचे सूचीबद्ध किया गया है –
- शादी के बाद नाम परिवर्तन एक तरह से कपल्स को सामाजिक वैधता देता है।
- शादी के बाद लड़की का सरनेम में अपने पति के उपनाम का इस्तेमाल करना दोनों के बीच के रिश्ते को प्रमाणित करता है।
- बहुत से लोगों का मानना है की शादी के बाद नाम परिवर्तित करना या सरनेम में पति का नाम इस्तेमाल करने से कपल्स के बीच प्यार बढ़ता है।
शादी के बाद नाम परिवर्तन से जुड़े आवश्यक प्रश्न (FAQ)
Q. क्या शादी के बाद नाम परिवर्तन करना आवश्यक है?
शादी के बाद नाम परिवर्तन करना केवल एक सामाजिक प्रथा है जिसके लिए कहीं भी लिखा नहीं गया है यह परिवर्तन केवल आपकी अपनी मर्जी से होता है।
Q. क्या शादी के बाद केवल लड़की नाम परिवर्तन कर सकती है?
नहीं, शादी के बाद लड़का या लड़की दोनों में से कोई भी नाम परिवर्तन के लिए आवेदन कर सकता है।
Q. शादी के बाद नाम परिवर्तन कैसे किया जाता है?
शादी के बाद अगर आप अपना नाम परिवर्तन करना चाहते हैं या सरनेम में बदलाव करना चाहते हैं तो इसके लिए सबसे पहले कोर्ट से एक एफिडेविट तैयार करना है। जिसमें विवाह प्रमाण पत्र के साथ अपने नाम में किस प्रकार का बदलाव करना चाहते हैं उसकी जानकारी देनी है। उसके बाद अपने बदले हुए नाम की जानकारी राज्य के स्थानीय भाषा के न्यूज़ पेपर और अंग्रेजी न्यूज़ पेपर में छपवा ना है। इसके बाद आप नाम परिवर्तन क्यों करना चाहते है, इसकी जानकारी लिखित रूप से देते हुए, एफिडेविट और विज्ञापन के फोटो कॉपी को राष्ट्रपति कार्यालय भिजवा दें और आपका नाम परिवर्तन हो जाएगा।
Q. शादी के बाद नाम परिवर्तन करवाने के काम में कितना समय लगता है?
शादी के बाद नाम परिवर्तन करवाने के लिए आपको सबसे पहले एफिडेविट तैयार करवाना है जिसमें 1 दिन का समय लगेगा, और दो न्यूज़ पेपर में विज्ञापन देना है जिसमें 1 से 3 दिन का समय लगेगा, इसके बाद आपको सभी दस्तावेज राजपत्र या गजट के लिए भेजना है जिसमें 6 दिन से 12 दिन का समय लगेगा।
निष्कर्ष
आज इस लेख में हमने आपको सरल शब्दों में बताया कि शादी के बाद नाम परिवर्तन क्यों किया जाता है और शादी के बाद नाम परिवर्तन की आवश्यकता (Shadi Ke Baad Naam Badlne Ki Avashyakta) क्या है। शादी के बाद कौन नाम परिवर्तन कर सकता है और नाम परिवर्तन कैसे किया जाता है इन सभी जानकारियों को सरल शब्दों में आपके समक्ष इस लेख के माध्यम से रखा गया।
अगर इस लेख में बताई गई जानकारियों को पढ़ने के बाद आप यह समझ पाए हैं कि शादी के बाद नाम परिवर्तन क्यों और कैसे किया जाता है तो इसे सभी के साथ साझा करें साथ ही अपने सुझाव या किसी भी प्रकार के प्रश्न कमेंट में पूछना ना भूलें।